Google, कुकी का उपयोग कैसे करता है
इस पेज पर, अलग-अलग तरह की कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी के बारे में बताया गया है, जिन्हें Google इस्तेमाल करता है. यहां यह भी बताया गया है कि Google और हमारे पार्टनर, विज्ञापनों के लिए कुकी का इस्तेमाल कैसे करते हैं.
कुकी छोटी टेक्स्ट फ़ाइल होती हैं. जब उपयोगकर्ता किसी वेबसाइट पर जाता है, तो वह वेबसाइट उस उपयोगकर्ता के ब्राउज़र को कुकी भेजती है. कुकी की मदद से, वेबसाइट आपके आने-जाने की जानकारी को याद रख पाती है. इससे, आपके लिए अगली बार उस वेबसाइट को इस्तेमाल करना आसान हो सकता है और वह आपके लिए ज़्यादा मददगार बन सकती है. इन कामों के लिए दूसरी टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल की जा सकती हैं. इन टेक्नोलॉजी में पिक्सल को, लोकल स्टोरेज को और ब्राउज़र, ऐप्लिकेशन या डिवाइस को पहचानने के लिए इस्तेमाल हुए यूनीक आइडेंटिफ़ायर शामिल हैं. इस पेज पर जिन कुकी और दूसरी टेक्नोलॉजी के बारे में बताया गया है उन्हें नीचे दिए गए कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
निजता नीति देखें और जानें कि कुकी और अन्य जानकारी का इस्तेमाल करने के दौरान, हम आपकी निजता की सुरक्षा कैसे करते हैं.
अलग-अलग तरह की कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी, जिन्हें Google इस्तेमाल करता है
नीचे दी गई कुकी में से कुछ या सभी को या अन्य टेक्नोलॉजी को आपके ब्राउज़र, ऐप्लिकेशन या डिवाइस में सेव किया जा सकता है. कुकी के इस्तेमाल को मैनेज करने के लिए, g.co/privacytools पर जाएं. यहां जाकर, उपयोगकर्ता किसी कुकी के इस्तेमाल को अस्वीकार भी कर सकते हैं. अपने ब्राउज़र में भी कुकी को मैनेज किया जा सकता है. हालांकि, हो सकता है कि मोबाइल डिवाइस के ब्राउज़र पर कुकी को मैनेज करने की सुविधा न हो. ऐप्लिकेशन और डिवाइसों को पहचानने के लिए इस्तेमाल होने वाली अन्य टेक्नोलॉजी को, ऐप्लिकेशन या अपने डिवाइस की सेटिंग में जाकर मैनेज किया जा सकता है.
फ़ंक्शनलिटी के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी
सुविधाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी, किसी सेवा की बुनियादी सुविधाओं को ऐक्सेस करने में आपकी मदद करती हैं. किसी सेवा की बुनियादी सुविधाओं में ये चीज़ें शामिल होती हैं: पहली, आपकी पसंद, जैसे कि आपकी चुनी गई भाषा. दूसरी, आपके सेशन से जुड़ी जानकारी, जैसे कि शॉपिंग कार्ट में शामिल आइटम. तीसरी, प्रॉडक्ट को बेहतर बनाने से जुड़ी जानकारी, जिसकी मदद से सेवा का रखरखाव किया जाता है और उसे बेहतर बनाया जाता है.
कुछ कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी आपकी पसंदीदा सेटिंग को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. उदाहरण के लिए, Google की सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले ज़्यादातर उपयोगकर्ताओं के ब्राउज़र में ‘NID’ या ‘ENID’ नाम की कुकी होती है. इनमें से किसका इस्तेमाल होगा, यह उनकी कुकी के चुनाव पर निर्भर करता है. ये कुकी आपकी पसंदीदा सेटिंग और दूसरी जानकारी याद रखने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. जैसे, आपकी पसंदीदा भाषा, खोज नतीजों के पेज पर आपको कितने नतीजे देखना पसंद है (जैसे कि 10 या 20), और आपको Google का सेफ़ सर्च फ़िल्टर चालू करना है या नहीं. हर 'NID' कुकी, आखिरी बार इस्तेमाल करने के 6 महीनों बाद खत्म हो जाती है. वहीं, ‘ENID’ कुकी 13 महीनों तक सेव रहती है. ‘VISITOR_INFO1_LIVE’ और ‘YEC’ कुकी, YouTube के लिए इसी तरह से काम करती हैं. इनका इस्तेमाल YouTube सेवा से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने और उन्हें हल करने के लिए भी किया जाता है. ‘VISITOR_INFO1_LIVE’ कुकी 6 महीनों तक और ‘YEC’ कुकी 13 महीनों तक सेव रहती है.
अन्य कुकी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किसी खास सेशन के दौरान, आपको एक जैसा अनुभव देने और उसे बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए, YouTube जानकारी सेव करने के लिए ‘PREF’ कुकी का इस्तेमाल करता है. जैसे आपका पसंदीदा पेज कॉन्फ़िगरेशन और वीडियो चलाने की आपकी पसंदीदा सेटिंग. वीडियो चलाने की इन सेटिंग में, अपने-आप वीडियो चलने की सुविधा के लिए आपकी पसंद, कॉन्टेंट शफ़ल करने से जुड़ी आपकी पसंद, और प्लेयर का साइज़ शामिल हैं. YouTube Music पर आपकी पसंदीदा सेटिंग में वॉल्यूम, संगीत को दोबारा सुनने की सुविधा, और अपने-आप संगीत चलने की सुविधा शामिल हैं. इस कुकी की समयसीमा, आखिरी बार इस्तेमाल किए जाने के 8 महीनों बाद खत्म हो जाती है. ‘pm_sess’ कुकी, आपके ब्राउज़र के सेशन को बनाए रखने में भी मदद करती है और यह 30 मिनट तक सेव रहती है.
Google की सेवाओं की परफ़ॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए भी कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे, ‘CGIC’ कुकी खोज के नतीजों को बेहतर बनाने में मदद करती है. इसके लिए, ऑटोकंप्लीट की सुविधा का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें उपयोगकर्ता के डाले गए शुरुआती अक्षरों या शब्दों को समझकर, खोज क्वेरी को अपने-आप पूरा किया जाता है. यह कुकी छह महीनों तक काम करती है.
Google, ‘CONSENT’ कुकी का इस्तेमाल करता है. ऐसा वह, कुकी के उन विकल्पों को सेव करने के लिए करता है जिन्हें उपयोगकर्ता चुनता है. यह कुकी दो साल तक काम करती है. ‘SOCS’ कुकी 13 महीनों तक काम करती है. इसका इस्तेमाल भी, कुकी के उन विकल्पों को सेव करने के लिए किया जाता है जिन्हें उपयोगकर्ता चुनता है.
सुरक्षा
सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से, उपयोगकर्ताओं की पुष्टि की जाती है और धोखाधड़ी से बचाया जाता है. साथ ही, किसी सेवा का इस्तेमाल करते समय आपकी सुरक्षा की जाती है.
पुष्टि करने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से, यह पक्का किया जाता है कि खाते का असली मालिक ही उसे ऐक्सेस कर सके. जैसे, 'SID' और 'HSID' कुकी में, उपयोगकर्ता के Google खाते के आईडी की एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) की गई और डिजिटल रूप से साइन की गई जानकारी मौजूद होती है. साथ ही, इनमें हाल ही में किए गए साइन इन के समय की जानकारी भी मौजूद होती है. इन कुकी का एक साथ इस्तेमाल करने से, Google कई तरह के हमलों को रोक पाता है. जैसे, Google की सेवाओं पर सबमिट किए गए फ़ॉर्म का कॉन्टेंट चुराने की कोशिश को रोकना.
कुछ कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, स्पैम, धोखाधड़ी, और बुरे बर्ताव को रोकने के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए, ‘pm_sess’, ‘YSC’, और ‘AEC’ कुकी यह पक्का करती हैं कि ब्राउज़िंग सेशन के दौरान अनुरोध उपयोगकर्ता ने किए हों, न कि दूसरी साइटों ने. इन कुकी के रहते, नुकसान पहुंचाने वाली साइटें उपयोगकर्ता को बताए बिना उसकी ओर से कार्रवाई नहीं कर सकतीं. ‘pm_sess’ कुकी 30 मिनट और ‘AEC’ कुकी छह महीनों तक सेव रहती है. YSC’ कुकी की समयसीमा, उपयोगकर्ता के ब्राउज़िंग सेशन के साथ ही खत्म हो जाती है.
एनालिटिक्स
आंकड़े के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी, डेटा इकट्ठा करने में मदद करती हैं. इस डेटा से, सेवा देने वाली कंपनियों को यह समझने में मदद मिलती है कि आपने किसी सेवा का इस्तेमाल कैसे किया है. इस अहम जानकारी की मदद से, सेवा देने वाली कंपनियों को अपने कॉन्टेंट और सुविधाओं, दोनों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. इससे, आपको बेहतर अनुभव मिलता है.
कुछ कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी से साइटों और ऐप्लिकेशन को यह समझने में मदद मिलती है कि उन पर आने वाले लोग उनकी सेवाओं का इस्तेमाल किस तरह करते हैं. उदाहरण के लिए, Google Analytics जानकारी इकट्ठा करने और साइट के इस्तेमाल के आंकड़ों की रिपोर्ट बनाने के लिए, कुकी के एक सेट का इस्तेमाल करता है. इस प्रोसेस में, वेबसाइट या ऐप्लिकेशन पर आने वाले लोगों की निजी पहचान Google के सामने ज़ाहिर नहीं की जाती. Google Analytics मुख्य रूप से ‘_ga’ कुकी का इस्तेमाल करता है. इस कुकी की मदद से, सेवा देने वाली कंपनी, वेबसाइट या ऐप्लिकेशन पर आने वाले लोगों में अंतर कर पाती है. यह कुकी दो साल तक सेव रहती है. Google Analytics की सेवाएं लागू करने वाली सभी साइटें ‘_ga’ कुकी का इस्तेमाल करती हैं. इसमें Google की सेवाएं भी शामिल हैं. किसी भी प्रॉपर्टी के लिए, हर ‘_ga’ कुकी यूनीक होती है. इसलिए, इसका इस्तेमाल किसी उपयोगकर्ता या ब्राउज़र को अन्य किसी वेबसाइट पर ट्रैक करने के लिए नहीं किया जा सकता.
Google की सेवाएं भी आंकड़ों के लिए, Google Search पर ‘NID’ और ‘ENID’ कुकी का और YouTube पर ‘VISITOR_INFO1_LIVE’ और ‘YEC’ कुकी का इस्तेमाल करती हैं.
विज्ञापन
Google, विज्ञापन दिखाने के लिए कुकी का इस्तेमाल करता है. इसमें, विज्ञापनों को दिखाना और रेंडर करना, myadcenter.google.com और adssettings.google.com/partnerads पर आपकी सेटिंग के मुताबिक विज्ञापन दिखाना, किसी उपयोगकर्ता को एक ही विज्ञापन दिखाने की संख्या सीमित करना, आपने जिन विज्ञापनों को न देखने का विकल्प चुना है उन्हें म्यूट करना, और विज्ञापनों के असर को मापना शामिल है.
‘NID’ कुकी का इस्तेमाल करके, साइन आउट कर चुके उपयोगकर्ताओं को Google की सेवाओं पर, Google विज्ञापन दिखाए जाते हैं. वहीं, ‘ANID’ और ‘IDE’ कुकी का इस्तेमाल, Google के अलावा दूसरी साइटों पर Google विज्ञापन दिखाने के लिए किया जाता है. अगर आपने लोगों के हिसाब से विज्ञापन दिखाने की सुविधा चालू की है, तो इस सेटिंग को याद रखने के लिए, ‘ANID’ कुकी का इस्तेमाल किया जाता है. यूरोपियन इकनॉमिक एरिया (ईईए), स्विट्ज़रलैंड, और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में यह कुकी 13 महीनों तक काम करती है. वहीं, बाकी देशों में यह 24 महीनों तक काम करती है. अगर आपने लोगों के हिसाब से विज्ञापन दिखाने की सुविधा को बंद किया है, तो ‘ANID’ कुकी का इस्तेमाल करके, इस सेटिंग को 2030 तक याद रखा जाएगा. ‘NID’ कुकी, उपयोगकर्ता के आखिरी बार इस्तेमाल करने के छह महीने बाद खत्म हो जाती है. यूरोपियन इकनॉमिक एरिया (ईईए), स्विट्ज़रलैंड, और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में ‘IDE’ कुकी 13 महीनों तक काम करती है. वहीं, बाकी देशों में यह 24 महीनों तक काम करती है.
विज्ञापन की सेटिंग के मुताबिक, YouTube जैसी Google की अन्य सेवाएं भी विज्ञापनों के लिए इन कुकी के अलावा, अन्य कुकी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसे, ‘VISITOR_INFO1_LIVE’ कुकी.
विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी, साइन इन करके Google की सेवाएं इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए होती हैं. जैसे, ‘DSID’ कुकी का इस्तेमाल, Google के अलावा दूसरी साइटों पर साइन इन किए हुए उपयोगकर्ता की पहचान करने के लिए किया जाता है. इस कुकी की मदद से, यह भी याद रखा जाता है कि उपयोगकर्ता ने दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन दिखाने के लिए सहमति दी है या नहीं. यह कुकी दो हफ़्तों तक काम करती है.
Google के विज्ञापन प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिए, कारोबार अपने विज्ञापनों को Google की सेवाओं के साथ-साथ, Google के अलावा दूसरी साइटों पर भी दिखा सकते हैं. कुछ कुकी की मदद से, Google तीसरे पक्ष की साइटों पर विज्ञापन दिखाता है. ये कुकी उन वेबसाइट के डोमेन में सेट होती हैं जिन पर आप जाते हैं. जैसे, ‘_gads’ कुकी की मदद से, साइटों पर Google विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं. ‘_gac_’ से शुरू होने वाली कुकी, Google Analytics से आती हैं. इनका इस्तेमाल विज्ञापन देने वाले लोग या कंपनियां करती हैं. इनकी मदद से, उपयोगकर्ता गतिविधि और विज्ञापन कैंपेन की परफ़ॉर्मेंस देखी जाती है. ‘_gads’ कुकी 13 महीनों तक और ‘_gac_’ कुकी 90 दिनों तक काम करती हैं.
कुछ कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, विज्ञापन और कैंपेन की परफ़ॉर्मेंस देखने के लिए किया जाता है. साथ ही, इनकी मदद से उन साइटों पर Google विज्ञापनों का कन्वर्ज़न रेट देखा जाता है जिन पर आप जाते हैं. जैसे, ‘_gcl_’ से शुरू होने वाली कुकी को विज्ञापन देने वाले लोग या कंपनियां इस्तेमाल करती हैं. मुख्य रूप से, इस कुकी का इस्तेमाल यह पता करने के लिए किया जाता है कि विज्ञापनों पर क्लिक करने वाले उपयोगकर्ताओं ने, कितनी बार साइट पर कोई कार्रवाई पूरी की. जैसे, खरीदारी करना. कन्वर्ज़न रेट देखने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी को, लोगों के हिसाब से विज्ञापन दिखाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता. ‘_gcl_’ कुकी 90 दिनों तक काम करती हैं.
विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी के बारे में ज़्यादा जानने के लिए यहां जाएं.
मनमुताबिक बनाना
कॉन्टेंट और सुविधाओं को आपके हिसाब से बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुकी और अन्य टेक्नोलॉजी, आपके अनुभव को बेहतर बनाती हैं. ऐसा, आपको आपके हिसाब से कॉन्टेंट और सुविधाओं को देकर किया जाता है, जो कि g.co/privacytools पर आपकी सेटिंग या आपके ऐप्लिकेशन और डिवाइस की सेटिंग पर आधारित होता है.
आपके हिसाब से बनाए गए कॉन्टेंट और सुविधाओं में कुछ चीज़ें शामिल होती हैं. जैसे, ऐसे सुझाव और खोज के नतीजे जो आपके लिए ज़्यादा काम के हैं, आपकी पसंद के मुताबिक बनाया गया YouTube का होम पेज, और आपकी दिलचस्पी के हिसाब से बनाए गए विज्ञापन. जैसे, ‘VISITOR_INFO1_LIVE’ कुकी की मदद से, YouTube पर आपके हिसाब से बनाए गए सुझाव दिखाए जा सकते हैं. ये सुझाव, आपके पिछले व्यू और खोजों पर आधारित होते हैं. इसके अलावा, ‘NID’ कुकी की मदद से, Search में ऑटोकंप्लीट की सुविधा चालू की जाती है. जैसे ही Search पर खोज के लिए शब्दों को डाला जाता है, यह सुविधा आपके हिसाब से खोज क्वेरी को अपने-आप पूरा करती है. ये कुकी, उपयोगकर्ता के आखिरी बार इस्तेमाल करने के छह महीने बाद खत्म हो जाती हैं. आपके हिसाब से नतीजे दिखाने के लिए, ‘UULE’ कुकी का इस्तेमाल भी किया जाता है. यह कुकी आपकी जगह की सटीक जानकारी को आपके ब्राउज़र से Google के सर्वर पर भेजती है. इससे, Google आपकी मौजूदा जगह के हिसाब से काम के नतीजे दिखाता है. इस कुकी का इस्तेमाल, आपकी ब्राउज़र सेटिंग के हिसाब से किया जाता है. साथ ही, इसका इस्तेमाल इस बात पर भी आधारित होता है कि आपने अपने ब्राउज़र के लिए जगह की जानकारी की सेटिंग चालू की है या नहीं. ‘UULE’ कुकी छह घंटे तक काम करती है.
जिस कॉन्टेंट और जिन सुविधाओं को आपके हिसाब से नहीं बनाया गया है, वे आपके मुताबिक बनाए गए कॉन्टेंट और सुविधाओं से अलग होती हैं. इसकी वजह यह है कि उन पर भी कुछ चीज़ों का असर पड़ सकता है, जैसे कि उस समय देखा जा रहा कॉन्टेंट, उस समय Google पर की जा रही खोज, और आपकी जगह की जानकारी.
अपने ब्राउज़र में कुकी प्रबंधित करना
ज़्यादातर ब्राउज़र में, ब्राउज़िंग के समय ही यह मैनेज किया जा सकता है कि कुकी को सेट और इस्तेमाल कैसे किया जाए. साथ ही, आपको कुकी और ब्राउज़िंग डेटा को मिटाने की सुविधा भी मिलती है. इसके अलावा, आपके ब्राउज़र में हर साइट के हिसाब से अलग-अलग कुकी मैनेज करने की सेटिंग भी हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, chrome://settings/cookies पर Google Chrome की सेटिंग में, आपको मौजूदा कुकी मिटाने, सभी कुकी को अनुमति देने या ब्लॉक करने, और वेबसाइट के लिए कुकी की सेटिंग सेव करने की सुविधा दी जाती है. Google Chrome में गुप्त मोड भी होता है. इस मोड में, गुप्त विंडो बंद करने के बाद, आपके डिवाइस पर ब्राउज़िंग इतिहास या कुकी सेव नहीं की जाती हैं.
अपने ऐप्लिकेशन और डिवाइसों में अन्य टेक्नोलॉजी को मैनेज करना
ज़्यादातर मोबाइल डिवाइसों और ऐप्लिकेशन पर आपको यह मैनेज करने की सुविधा मिलती है कि अन्य टेक्नोलॉजी कैसे सेट और इस्तेमाल की जाएं. इन टेक्नोलॉजी में ब्राउज़र, ऐप्लिकेशन या डिवाइस पहचानने के लिए इस्तेमाल होने वाले यूनीक आइडेंटिफ़ायर शामिल हैं. उदाहरण के लिए, Android डिवाइस के विज्ञापन आईडी या Apple के Advertising Identifier को अपने डिवाइस की सेटिंग में जाकर मैनेज किया जा सकता है. वहीं, ऐप्लिकेशन के खास आइडेंटिफ़ायर को आम तौर पर ऐप्लिकेशन की सेटिंग में जाकर मैनेज किया जा सकता है.